श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित एक ऐसा अलौकिक तीर्थस्थल है, जहां भक्तों की आस्था और चमत्कारों की गाथाएं सदियों से जुड़ी हुई हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज सेवा और आध्यात्मिक उन्नति का भी केंद्र है। इस लेख में हम आपको इस पावन स्थान के इतिहास, महत्व, दर्शन प्रक्रिया, और रहस्यों से लेकर यात्रा सुझावों तक की सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
1. श्री मेहंदीपुर बालाजी का ऐतिहासिक परिचय
प्राकट्य की अद्भुत घटना
स्वयं प्रकट हुए बालाजी: लगभग 1,000 वर्ष पूर्व, दो पहाड़ियों के बीच श्री बालाजी महाराज अपने बाल रूप में स्वयं प्रकट हुए। यह स्थान घने जंगलों से घिरा था, जहां जंगली जानवरों का वास था।
गोसाई जी महाराज का स्वप्न: मंदिर के प्रथम महंत गोसाई जी को स्वप्न में दिव्य आदेश मिला। स्वप्न में एक विशाल सेना ने बालाजी, भैरव बाबा, और प्रेतराज सरकार को प्रणाम किया। गोसाई जी ने इसी स्थान पर मूर्तियों की खोज की और सेवा का संकल्प लिया।
मूर्ति का अदृश्य होना और पुनर्प्रकटन: जब ग्रामीणों ने मूर्ति को “कला” समझा, तो वह अदृश्य हो गई। गोसाई जी की प्रार्थना के बाद मूर्ति पुनः प्रकट हुई, और तब से यह स्थान भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया।
महंत परंपरा का योगदान
15 पीढ़ियों की सेवा: गोसाई जी के बाद से महंत परिवार की 15 पीढ़ियों ने निरंतर मंदिर की सेवा की।
विकास में महंतों की भूमिका:
महंत श्री गणेशपुरी जी: मंदिर के प्रारंभिक विकास की नींव रखी।
महंत श्री किशोर पुरी जी: मंदिर का विस्तार और भक्त सुविधाओं पर ध्यान दिया।
वर्तमान महंत श्री नरेश पुरी जी: मंदिर परिसर का आधुनिकीकरण, CCTV, स्वच्छ पेयजल, और भीड़ प्रबंधन जैसी सुविधाएं जोड़ी गईं।
2. श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विशेषताएं

देवी-देवताओं का संगम
मुख्य देवता:
श्री बालाजी महाराज: हनुमान जी का बाल रूप, जिनके हृदय से निरंतर जलधारा बहती है।
श्री भैरव बाबा: भक्तों को भय और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाते हैं।
श्री प्रेतराज सरकार: प्रेत बाधाओं के निवारण के लिए पूजे जाते हैं।
गर्भगृह का रहस्य
जलधारा का चमत्कार: बालाजी की मूर्ति के हृदय स्थल से एक पतली जलधारा सदैव बहती है, जो कभी नहीं सूखती। यह जल “पवित्र तीर्थ” माना जाता है और भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
वास्तुशास्त्र का अनूठा उदाहरण: गर्भगृह का निर्माण वैदिक नियमों के अनुसार किया गया है, जो इसे ऊर्जा का केंद्र बनाता है।
3. श्री मेहंदीपुर बालाजी दर्शन समय और विशेष नियम

नियमित दर्शन कार्यक्रम
सुबह की आरती: प्रातः 6:00 से 6:40 बजे तक।
प्रातः दर्शन: 7:00 से 11:00 बजे तक।
राजभोग: दोपहर 11:30 से 12:00 बजे तक (इस दौरान दर्शन बंद)।
दोपहर दर्शन: 12:00 से शाम 6:50 बजे तक।
संध्या आरती: शाम 6:30 से 7:10 बजे तक।
मंदिर बंद होने का समय: रात 9:00 बजे।
विशेष दिनों के नियम
सोमवार, बुधवार, शुक्रवार: शाम 4:00 से 6:00 बजे तक श्री बालाजी का विशेष श्रृंगार (चोला चढ़ाने) के कारण दर्शन बंद रहते हैं।
4.श्री मेहंदीपुर बालाजी भोग और प्रसाद व्यवस्था

भोग का महत्व: प्रतिदिन छप्पन भोग (56 प्रकार के व्यंजन) और राजभोग लगाया जाता है।
रसोई की शुद्धता: मंदिर परिसर में स्थित बालाजी रसोई में देसी घी और मेवों से भोग तैयार किया जाता है।
प्रसाद वितरण: आरती के बाद भक्तों को मिष्ठान्न और चमत्कारी जल का प्रसाद दिया जाता है।
5. समाज सेवा और विकास कार्य
शिक्षा और स्वास्थ्य: गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा और चिकित्सा शिविर।
महिला सशक्तिकरण: स्वावलंबन के लिए हस्तशिल्प प्रशिक्षण केंद्र।
पर्यावरण संरक्षण: वृक्षारोपण और जल संचयन अभियान।
6. श्री मेहंदीपुर बालाजी यात्रा सुझाव और मार्गदर्शन

कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग: जयपुर-आगरा NH-11 हाइवे से मंदिर तक। जयपुर से दूरी: 103 किमी, दिल्ली से 265 किमी।
रेलवे: निकटतम स्टेशन बांदीकुई (40 किमी दूर)।
हवाई मार्ग: जयपुर एयरपोर्ट (115 किमी) से टैक्सी उपलब्ध।
ठहरने की व्यवस्था
धर्मशालाएं: मंदिर परिसर में सस्ती दरों पर कमरे उपलब्ध।
गेस्ट हाउस: AC और नॉन-AC सुविधाओं के साथ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. क्या श्री बालाजी के दर्शन से प्रेत बाधा दूर होती है?
हाँ, मान्यता है कि यहां के दर्शन और प्रसाद से नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत, और वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
Q2. मंदिर में चोला चढ़ाने की प्रक्रिया क्या है?
सोमवार, बुधवार, और शुक्रवार को श्री बालाजी को नए वस्त्र (चोला) पहनाए जाते हैं। इस दौरान दर्शन बंद रहते हैं।
Q3. मूर्ति से निकलने वाला जल क्या है?
यह जल अलौकिक माना जाता है। मान्यता है कि इसके सेवन से रोग और कष्ट दूर होते हैं।
Q4. क्या मंदिर में विशेष पूजा करवाई जा सकती है?
हाँ, मंदिर प्रबंधन से संपर्क कर रुद्राभिषेक, हवन, या मन्नत पूजा बुक कर सकते हैं।
निष्कर्ष
श्री मेहंदीपुर बालाजी केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था, सेवा, और चमत्कारों का जीवंत केंद्र है। यहाँ आकर भक्तों को आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ समाज सेवा की प्रेरणा भी मिलती है। यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं, तो इस पावन धाम के दर्शन अवश्य करें।
जय श्री बालाजी महाराज!

I’m Gaurav Tripathi, and through this blog, I share devotional content dedicated to Lord Hanuman. Here you’ll find powerful mantras, the Hanuman Chalisa, soulful bhajans, and fascinating facts about famous Hanuman temples across India. My mission is to spread the divine glory of Shri Hanuman Ji in a simple and heartfelt way for all devotees.