Maruti Stotra

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मारुती स्तोत्र या हनुमान स्तोत्र 17 वीं  शताब्दी का स्तोत्र माना जाता है। इसे मराठी भाषा में महाराष्ट्र  के संत कवि समर्थ रामदास जी ने लिखा है। 

इस छंद में हनुमान जी के कई गुणों का वर्णन किया गया है।

 

कहते हैं मारुती स्तोत्र पड़ने से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं। मारुती स्तोत्र का पाठ बहुत ही लाभदायी माना जाता है। कहते हैं इसका पाठ करने से बड़े से बड़ा मुसीबत दूर हो जाती यही और भक्त को धन दान की प्राप्ति होती है।

मारुती स्तोत्र

भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती।

 

वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ।।1।।

 

महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें ।

 

सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ।।2।।

 

दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा।

 

पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ।।3।।

 

लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना ।

 

पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ।।4।।

 

ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें ।

 

काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ।।5।।

 

ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती।

 

नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ।।6।।

 

पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं।

 

सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ।।7।।

 

ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू।

 

चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ।।8।।

 

कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे ।

 

मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ।।9।।

 

आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती ।

 

मनासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ।।10।।

 

अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे।

 

तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ।।11।।

 

ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके।

 

तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ।।12।।

 

आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा ।

 

वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ।।13।।

 

धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही ।

 

पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ।।14।।

 

भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही ।

 

नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ।।15।।

 

हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी।

 

दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ।।16।।

 

रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण।

 

रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ।।17।।

 

।। इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ।।

Maruti Stotra Hanuman JI
Maruti Stotra Hanuman JI-Image Credit Canva

Maruti Stotra के पाठ के साथ साथ आप हनुमान चालीसा, हनुमान जी की आरती और श्री राम स्तुति का पाठ भी विशेष लाभकारी होता है।