Hanuman Setu Mandir

Hanuman Setu Mandir

Hanuman Setu Mandir

Hanuman Setu Mandir, लखनऊ में गोमती नदी के किनारे स्थित है।

हनुमान सेतु मंदिर नदी पर बने एक पुल के किनारे बना है। इस कारण यह पुल हनुमान सेतु एवं मंदिर हनुमान सेतु मंदिर कहलाता है।

हनुमान सेतु मंदिर को नीम करौरी बाबा ने बनवाया है। हनुमान सेतु मंदिर से लगा बाबा का भी एक मंदिर बना है।

Hanuman Setu Mandir में हनुमान चालीसा पढ़ने से और हनुमान जी का सच्चे मन से प्रार्थना करने से सारी इच्छाएँ पूरी हो जाती है।

 

Hanuman Setu Mandir Timing

श्री संकट मोचन हनुमान जी मन्दिर ट्रस्ट एवं बाबा जीब करोरी जी महाराज आश्रम

आवश्यक सूचना

बुधवार, 06 मार्च 2024 से मन्दिर खुलने-बन्द होने का समय

प्रातः 5.45 बजे से अपराहन 01 बजे तक

एवं

अपराह्न 2.45 बजे से रात्रि 10 बजे तक

Note : प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को मन्दिर दिन पर खुला रहेगा। 

आरती

श्री शिव जी – प्रात: 5.30 बजे । सायं  8.45 बजे

श्री दुर्गा जी – प्रात: 5.45 बजे । सायं  8.15 बजे

श्री राम दरबार – प्रात: 6.00 बजे । सायं  8.30 बजे

श्री गणेश जी – प्रात: 6.15 बजे । सायं  7.15 बजे

श्री हनुमान जी – प्रात: 6.30 बजे । सायं  7.30 बजे

पूज्य बाबाजी – प्रात: 7.00 बजे । सायं  8.00 बजे

Hanuman Setu Mandir Address

Shree Sankat Mochan Hanuman Temple & baba neeb Karori trust

Beerbal Saheny Marg,Near Lucknow unniversity

Lucknow-226 007

Phone No.

+91 522 278 2621

Hanuman Setu Mandir ka इतिहास

बाबा नीम करोरी एक महान संत थे जो साक्षात् हनुमान जी के अवतार थे। हनुमान जी की कृपा से उन्होंने  भक्तो पर अपनी कृपा का चमत्कार भी दिखाया। बाबा ने लखनऊ में दो हनुमान मंदिरो का निर्माण कराया। पहला मंदिर Hanuman Setu  के पास गोमती के किनारे नगर महापालिका की भूमि पर बिना किसी अनुमति के बना लिया। और तुरंत वहां हनुमान जी के विग्रह की स्थापना बिना किसी शास्त्रीय विधान के कर दी। 

इस मंदिर से लगभग 300 गज दूर एक स्थान पर बाबा अपने पैर पटकते हुए बोले यहां एक और हनुमान मंदिर बनेगा जो बहुत विख्यात होगा। 

और दूर दूर से लोग पत्र भेजकर हनुमान जी से कष्टों के निवारण की प्रार्थना किया करेंगे। और हनुमान जी स्वयं उनके कष्टों को दूर करेंगे। 

यह प्रार्थना पत्र वाला मंदिर Hanuman Setu Mandir के नाम से विख्यात है। यह लखनऊ विश्यविद्यालय के प्रवेश द्वार के पास सड़क के दूसरी ओर वही स्थान है जहाँ  अब संकट मोचन हनुमान मंदिर है जिसे Hanuman Setu Mandir  के नाम से जाना जाता है।  

पास-पास दो हनुमान मंदिरों की बात उस समय लोगों के समझ में नहीं आ रही थी।  धीरे धीरे गोमती के किनारे वाले मंदिर का नगर महापालिका और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विरोध बढता चला गया।  सरकार उसे  तुड़वाना  चाहती  थी  लेकिन इसके कारण गोमती के जल प्रवाह की दिशा में जो परिवर्तन आ गया था उससे दूसरे किनारे में स्थित सरकारी ईमारत मोती महल की सुरक्षा के लिए खतरा  पैदा हो गया था। 

उस समय जब गोमती नदी में बाढ़ आयी तो इस मंदिर और बाबा नीम करोरी के वजह से शांत हो गयी।  जब वह इस मंदिर को तुड़वाने में असमर्थ थे तो उन्हें बाबा नीम करोरी से समझौता करना पड़ा। गोमती के किनारे वाली भूमि से बाबा का कब्ज़ा छुड़ाने के लिए उन्होंने  बाबा को मुआवज़ा के तौर पर 25000 रुपये की धनराशि और वह भूमि दी जिसपे अब संकट मोचन हनुमान मंदिर स्थित है।

इन्ही दिनों बाढ़ के कारण गोमती पर पुराने पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से उसका नव निर्माण  कार्य चल रहा था जिसे महाराष्ट्र की पुल निर्माण कंपनी कर रही थी। उसी समय एक संयोग से उस कंपनी के मालिक को बाबा नीम करोरी से मिलने का अवसर मिला।बाबा से  मिलकर वह बहुत प्रसन्न हुए और उनकी मन में यह इच्छा हुयी की वह कुछ सेवा करे। मुआवजे की धनराशि सरकार से लेके आप ने उपयुक्त्र भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण  किया । 

कानपुर के दीक्षित जी के सौजन्य से स्वेत संगमरमर से बनी हनुमान जी की विशाल मूर्ति की स्थानपा हेतु प्राप्त हुयी।

Hanuman Setu Mandir का शिलान्यास और विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 26 January 1967 को बाबा नीम करोरी ने किया।

उस दिन यह बहुत ही बड़े उत्साह के साथ इस मंदिर का शिलान्यास किया गया। और तब से उस दिन को मंदिर प्रतिष्ठा के रूप में प्रति वर्ष मनाई जाती है। 

यह मंदिर दो मंज़िला है। नीचे का खंड सत्संग ,प्रवचन के लिए उपयोगी है और ऊपर के खंड में हनुमान जी की प्रतिमा है। भीतरी दीवारों  के विग्रह के एक ओर सीता राम जी की आकर्षक चित्र मूर्ति है और दूसरी ओर सेतु बंध रामेश्वरम का सुन्दर दृश्य प्रस्तुत किया गया है।

Hanuman Setu Mandir में हनुमान जी और बाबा नीब करोरी के आलावा भगवान गणेश जी, माँ लक्ष्मी जी ,सरस्वती माँ ,दुर्गा माँ ,राम दरबार ,भोलेनाथ शंकर भगवान और नंदी जी के दर्शन भी आप कर सकते हैं।