हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर
हनुमान जी के भारत में हज़ारो मंदिर है ,जिसमे से हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर का विवरण इस पोस्ट में है।
भारत में हज़ारो प्राचीन मंदिरो और उनके प्रचलित बहुत सी कहानिया है।
और उन दिव्य शक्तियों और चमत्कार को हम सब जानते है।
कहा जाता है हनुमान जी के सच्चे मन से पूजा करने से वो सरे कष्टों को दूर कर देते है।
आइये जानते है हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर जहाँ हमेशा भक्तो का भंडार रहता है।
1- हनुमान गढ़ी (अयोध्या) :

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।वंही पर हनुमान जी का मंदिर है जो हनुमान गढ़ी नाम से प्रसिद्ध है।
यह अयोध्या का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर सरयू नदी के दाहिने तट पर एक विशाल टीले पर स्थित है।
इस मंदिर में हनुमान जी प्रतिमा केवल 6 इंच लम्बी है। जो हमेशा फूल मालाओ से सुसज्जित रहती है।
इस मंदिर में जाने के लिए आपको कुल 76 सिडिया चढ़नी पड़ती है।
लंका पर विजय प्राप्त कर भगवान श्री राम अयोध्या लौटे थे और इसी स्थान पर हनुमान जी को विश्राम करने को बोले थे।
तभी से इसका नाम हनुमान गढ़ी पड़ा।
मुख्य मंदिर में माता अंजनी की गोद में हनुमान जी विराजमान है।
यह मंदिर अयोध्या की सबसे ऊंची ईमारत है जो अयोध्या जाने पर चारो तरफ से बहुत आसानी से दिख जाता है।
जो कोई भी अयोध्या दर्शन के लिए आता है वो इस मंदिर अवश्य आता है।
इस मंदिर का कुल परिसर 52 बीघा में फैला हुआ है।
इस मंदिर के कहानी के पीछे जो रहस्य है वो यह है पहले हनुमान जी की प्रतिमा एक पेड़ के नीचे पूजी जाती थी।
उन दिनों लखनऊ और अयोध्या का नवाब सुजाउद्दौला था। उसका पुत्र था जो बहुत बीमार था। नवाब ने सारे प्रयत्न कर लिए लेकिन उसका पुत्र सही नहीं हो रहा था।
तब उसे किसी ने बाबा अभयराम जी के बारे में बताया जो अयोध्या में रहते थे।
बाबा ने हनुमान जी का मंत्र पढ़ कर नवाब के बालक पर फेका जिससे वह उठ खड़ा हुआ और कुछ दिन में ही एक दम स्वस्थ हो गया।
नवाब ने प्रसन्न होकर बाबा अभयराम को उपहार देने की बात की तो बाबा ने उपहार लेने से माना कर दिया।
उसके बदले में बाबा अभयराम ने नवाब से हनुमान गड़ी मंदिर बनाने की बात कही जिसे नवाब ने मान लिया। और इस विशाल मंदिर का निर्माण कराया।
इस मंदिर के प्रांगण में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है। और चारो तरफ दीवारों पे हनुमान चालीसा का चौपाई लिखित है।
कहते है जो श्रद्धालु सच्चे मन से इस मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करता है हनुमान जी उसकी सारी इच्छाएं पूरी करते है।
आप हनुमान चालीसा का पाठ भी यहाँ से पढ़ सकते हैं।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
2- मेहंदीपुर बालाजी (राजस्थान) :

राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर नाम का स्थान है। यह मंदिर जयपुर से करीब 65 किलोमीटर की दुरी पर है।
कहते है मेहंदीपुर में बहुत बड़ी बड़ी चट्टानें है जिसमे से हनुमान जी की आकृति स्वतः ही उभर आयी जिसे बालाजी महाराज के नाम से जानते है।
यहाँ हनुमान जी बाल रूप में साक्षात् विराजमान है। इनके चरणों में छोटा सा कुंड है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता है।
कहते है यहाँ हनुमान जी आपके ऊपर कोई भी बुरी शक्ति या भूत प्रेत का साया है तो इस मंदिर में आने से सारी बुरी शक्तिया नष्ट हो जाती है।
इसके वजह से यह मंदिर न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे हिंदुस्तान में प्रसिद्ध है। दूर दूर से श्रद्धालु बालाजी महारज के दर्शन करने आते है।
इसी मंदिर में श्री भैरव बाबा और श्री प्रेत राज सरकार के दर्शन होते है।
इस मंदिर के ठीक सामने भगवान् श्री राम और माता सीता का मंदिर भी है
कहते है यहाँ आने पैर किसी भी जगह यहाँ का पानी नहीं पीना चाहिए अगर आपको पानी पीना है तो अपने साथ पानी का बोतल ले आइये।
यह भी मान्यता है की कोई भी यहाँ का प्रसाद या कोई वस्तु घर नहीं ले जाता है।
इस मंदिर में प्रवेश मात्र से बालाजी महाराज सारे तकलीफ दूर कर देते है।इसीलिए यहाँ भक्तो की बहुत भीड़ होती है।
पूरे देश से लोग बालाजी महाराज के दर्शन करने आते है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
3- बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) :

यह मंदिर प्रयागराज के किले से सटा हुआ संगम के पास स्थित है।
इस प्राचीन मंदिर में हनुमान जी की लेटे हुए प्रतिमा है।पूरे भारत में हनुमान जी की यह एक मात्र लेटे हुए प्रतिमा है।
इस मंदिर को लोग लेटे हनुमान मंदिर भी कहते है। इसमें हनुमान जी की प्रतिमा 20 फुट लम्बी है।
इस मंदिर के इतिहास को लेके कई कथा प्रचलित है।
एक कथा के अनुसार एक व्यापारी हनुमान जी मूर्ति नाव में लेके जा रहा था। अचानक भारी होने से नाव संगम में डूब गयी। बाद में जब जलस्तर बदला तो यमुना जी से ये मूर्ति दिखने लगी। उस समय वंहा का शासक अकबर था। उसने हिन्दुओ का दिल जितने और अपनी रक्षा के लिए इसे अपने किले के पास स्थापित करवा दिया।
दूसरी कथा के अनुसार हनुमान जी अपने गुरु सूर्य देव से शिक्षा पूरी कर ली तो गुरु दक्षिड़ा की बात चली। तब सूर्य भगवान ने कहा जब श्री राम ,माता सीता और लक्ष्मण वन के लिए जायेगे उस समय तुम उनका राक्षसों से रक्षा करना। श्री राम को लगा यह मुझे कोई कार्य करने नहीं देगा इसी लिए घोर निद्रा माया से दिया। हनुमान जी जब अयोध्या के लिए प्रस्थान किये तो सूर्य देव अस्त हो गया तो हनुमान जी ने माता गंगा को रात में न पार करने का सोचा और वंही लेट गए।
तीसरी कथा के अनुसार लंका पे विजय प्राप्त करके जब हनुमान जी अपार पीड़ा से मरणासन्न हो गए तो माता सीता ने उन्हें अपना सिन्दूर देकर हनुमान जी को नया जीवन दिया।
जो भक्त प्रयाग दर्शन के लिए आते है वो बड़े हनुमान मंदिर जरूर आते है।
हर साल संगम में जब बाढ़ आती है तो यह मंदिर डूब जाता है। कहते है गंगा जी हनुमान जी को स्नान कराके वापस चली जाती है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
4- संकट मोचन हनुमान मंदिर (वाराणसी):

संकट मोचन हनुमान मंदिर पावन नगरी वाराणसी में स्थित है। यह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के नज़दीक दुर्गा मंदिर और नए विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में स्थित है।
इस पावन नगरी में गोस्वामी तुलसीदास जी को हनुमान जी ने जिस स्थान पर दर्शन दिए उसे संकट मोचन नाम से जानते है।
जिस मुद्रा में तुलसीदास जी को दर्शन हुए उसी रूप में उन्होंने हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना कराई थी।
संकट मोचन का अर्थ होता है सरे दुखो को हर लेना। इस मंदिर में जो भी आता है हनुमान जी उसके सरे संकट दूर कर देते है।
हनुमान जयंती के दिन यहाँ बहुत बड़ी सोभा यात्रा निकली जाती है जिसमे भक्तो की भारी भीड़ उमड़ती है।
यहाँ हनुमान जी को शुद्ध घी के बेसन के लड्डू चढ़ाये जाते है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
5- हनुमान धारा, चित्रकूट (उत्तरप्रदेश):

हनुमान धारा मंदिर उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से 3 किलोमीटर दूर पर्वतमाला के मध्य में स्थित है।
पहाड़ के सहारे हनुमान जी के विशाल मूर्ति के सर के पास दो जल के कुंड है जिसमे हमेशा पानी भरा रहता है और उससे निरंतर पानी गिरता रहता है।
इस धारा का जल हनुमान जी स्पर्श करता हुआ जाता है इसलिए इसे हनुमान धारा कहते है।
इस मंदिर का इतिहास यह है की लंका को जलाने के बाद एक दिन हनुमान जी ने प्रभु श्री राम से बताया की उनके शरीर में बहुत जलन हो रही है तब प्रभि श्री राम ने अपने बाढ से इस स्थान पर जल के कुंड उत्पन्न कराये।
हनुमान जी ने यही अपनी शरीर के आग को ठंडा किया।
यहाँ का यह नज़ारा देखने आज भी सैकड़ो श्रद्धालु आते है। हनुमान जी सबका कल्याण करते है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
6- श्रीपंचमुख आंजनेय स्वामीजी :

तमिलनाडु के कुंभकोणम नामक स्थान पर श्री पंचमुख आंजनेय स्वामीजी (श्री हनुमान जी) का बहुत ही भव्य और मनमोहक मठ है।
यह एक मात्र हनुमान जी की ऐसे प्रमिता है जिसमे हनुमान जी के 5 मुख (पंचमुख) है।
यहाँ की प्रचलित कहानी के अनुसार जब अहिरावण और उसका भाई महिरावण श्री राम जी और लक्ष्मण जी को अगवा कर लिया था तब हनुमान जी ने इसी स्थान से पंचमुख धारण कर उनको खोज आरम्भ की।
और इसी रूप को धारण करते हुए उन्होंने अहिरावण और महिरावण का वध किया।
यहाँ हनुमान जी के पंचमुख अवतार के दर्शन करने लोग बहुत दूर से आते है। यहाँ आये सारे भक्तो का हनुमान जी सारे दुःख दूर कर देते है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
7- यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर, हंपी (कर्नाटक)

कर्नाटक में बेल्लारी जिले के हंपी नामक स्थान पर यह मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी की जो प्रतिमा है उसे यंत्रोद्धारक नाम से जानते है।
इस जगह को प्राचीन किष्किंधा नगर भी कहा जाता है। वाल्मीकि जी ने रामचरितमानस और रामायण में इस जगह का उल्लेख किया है।
बहुत पुराने समय में इस जगह पर वानरों का बहुत ही बड़ा साम्राज्य था।
इस मंदिर में रामनवमी को भक्ति की अपार भीड़ उमड़ जाती है। यहाँ रामनवमी से 3 दिन तक बहुत धूम धाम से उत्सव मनाया जाता है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
8- कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर (गुजरात)

कष्टभंजन हनुमान मंदिर गुजरात जिले के भावनगर के सारंगपुर में है।
इसमें हनुमान जी की मूर्ति सोने के सिंघासन पर विराजमान है और हनुमान जी के पैरो में सनी भगवान है।
प्राचीन कहानियो के अनुसार सनी देव को सबसे क्रोधित भगवान माना जाता है। किसी भी इंसान के ऊपर अगर सनी भगवान का प्रकोप आ जाता है तो उसके ऊपर परेशानियों का पहाड़ टूट जाता है।
एक समय में सनी भगवान का प्रकोप इतना बढ़ गया की इंसान के साथ देवता लोग भी परेशान हो गए और इस संकट से बचने के लिए सब लोग हनुमान जी के सरण में गए। हनुमान जी सनी भगवान को सबक सिखाने निकल पड़े।
जब सनी भगवान को पता चला तो वो हनुमान जी के दर से घबरा गए और उन्होंने हनुमान जी से बचने के लिए स्त्री रूप धारण कर लिया। क्यूंकि सनी भगवान जानते थे हनुमान जी ब्रम्हचारी है वो किसी स्त्री के ऊपर हाथ नहीं उठाएंगे।
हनुमान जी ने उनके स्त्री रूप को पहचान लिया और उन्हें दण्डित करने गए। तब सनी भगवान हनुमान जी के चरणों में आके माफ़ी मांगे।
तभी से सनी भगवान ने लोगो को परेशान करना बंद कर दिया।
तभी से इस मंदिर को कष्टभंजन मंदिर से जानते है। हनुमान जी का सच्चे मन से ध्यान करने से इस मंदिर में भगवान हनुमान सारे कष्ट हर लेते है।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
9-प्राचीन हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस :

यह मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली के बीच कनाट प्लेस में स्थित है। इसमें हनुमान जी स्वयंभू है।
पांडवो ने कुरुक्षेत्र जितने के बाद इस मंदिर की स्थापना की थी।
इस मंदिर में हनुमान जी के बाल्यकाल की प्रतिमा स्थापित है। जिसमे एक हाथ में खिलौना और दूसरा हाथ सीने पे रखे है। इस मंदिर में सनी भगवान और शिव मंदिर भी है।
इस मंदिर की बहुत सी विशेषताए और कहानिया है जिसे हम आगे जानेंगे।
पूरे भारत में यह एक मात्र मंदिर है जहाँ हनुमान जी बाल्य रूप में है। इस मंदिर में हनुमान जी की भक्तो पैर विशेष कृपा रहती है। मोदक लड्डू चढ़ाने वाले भक्तो पर हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
पुरानी कथाओ के अनुसार मुग़ल बादशाह अकबर पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए यहाँ विशेष पूजा अर्चना किया था जिससे प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया और अकबर को सलीन जैसे पुत्र की प्राप्ति हुयी।
इसी लिए इस मंदिर के ऊपर आज भी चाँद का सिंबल बना हुआ है।
इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है यहाँ 1 अगस्त 1964 से लगातार इस मंत्र (“श्री राम जय राम जय जय राम”) का उच्चारण हो रहा है।
इसके लिए इसे गिनीज बुक में भी शामिल किया गया है।
शिल्प कला की दृस्टि से भी यह मंदिर बेहद खास है। इसके मुख्य द्वार पर सुन्दर कांड की चौपाई अंकित है।
तुलसीदास जी यही पर आके हनुमान जी के बाल्यरूप का दर्शन किये और प्रसिद्ध हनुमान चालीसा की रचना उन्होंने यही की।
जो भक्त पूरे भाव से सात शनिवार यहाँ परिक्रमा करने आता है उसको मनवांछित फल मिलता है।
इस मंदिर में चोला चढ़ाने की विशेष परंपरा है जिसे सोमवार ,बुधवार और शुक्रवार को चढ़ाते है। चोला चढ़ाने में घी,सिन्दूर ,चांदी का वर्क और इत्र की सीसी का प्रयोग करते है।
यह भी कहते है यहाँ हर 10 साल में हनुमान जी अपना चोला छोड़ कर अपने प्राचीन रूप में आ जाते है।
इस मंदिर में दीपावली, हनुमान जयंती, जन्माष्टमी, और शिवरात्रि के दिन बाल हनुमान का विशेष श्रृंगार किया जाता है। इस दिन सोने के शृंगार से बाल हनुमान को सजाया जाता है।
मंगलवार और शनिवार के दिन मंदिर के द्वार 24 घंटो के लिए खुले रहते है। इस दिन भक्तो की लम्बी भीड़ देखने को मिलती है।
इस मंदिर की और अधिक जानकारी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान जी के 10 सबसे सिद्ध और चमत्कारी मंदिर में से यह मंदिर एक है।
10 - गिरजाबंध हनुमान मंदिर, छत्तीसगढ़ :

यह मंदिर बिलासपुर से 25 किलोमीटर की दुरी पर रतनपुर में स्थित है। इसे महामाया नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
यह भारत में सबसे अनोखा मंदिर माना जाता है क्यूंकि यह अकेला ऐसा हनुमान जी का मंदिर है जिसमे हनुमान जी ने स्त्री रूप धारण किया हुआ है।
यह मंदिर माँ महामाया देवी और गिरिजाबंध में स्तिथ हनुमान मंदिर है।
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I’m Gaurav Tripathi, and through this blog, I share devotional content dedicated to Lord Hanuman. Here you’ll find powerful mantras, the Hanuman Chalisa, soulful bhajans, and fascinating facts about famous Hanuman temples across India. My mission is to spread the divine glory of Shri Hanuman Ji in a simple and heartfelt way for all devotees.