हनुमान जयंती 2025, 12 अप्रैल को मनाई जाएगी, लेकिन इस बार भद्रा का साया रहेगा। जानिए पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और ज्योतिषी राकेश चतुर्वेदी के अनुसार भद्रा में क्या करें-क्या न करें।
हनुमान जयंती 2025: संकटमोचन का पर्व और भद्रा का महत्व

हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का विशेष महत्व है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। 2025 में हनुमान जयंती 12 अप्रैल को है, लेकिन इस बार भद्रा का साया होने के कारण भक्तों के मन में पूजा-विधि को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ज्योतिषी राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, भद्रा के दौरान भी हनुमान जी की पूजा करना शुभ होता है, बस कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।
हनुमान जयंती 2025 की तिथि और समय
चैत्र पूर्णिमा तिथि आरंभ: 12 अप्रैल, सुबह 03:21 बजे
तिथि समाप्त: 13 अप्रैल, सुबह 05:51 बजे
पर्व मनाने की तिथि: सूर्योदय के बाद गणना के अनुसार, 12 अप्रैल 2025
हनुमान जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:29 से 05:14 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:56 बजे से 12:48 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:21 बजे तक
भद्रा का समय और इसका प्रभाव
2025 में हनुमान जयंती पर भद्रा सुबह 05:59 बजे से शाम 04:35 बजे तक रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा का वास पाताल लोक में माना जाता है, इसलिए इस दौरान कुछ शुभ कार्य वर्जित होते हैं। लेकिन ज्योतिषी राकेश चतुर्वेदी बताते हैं कि हनुमान जी की पूजा और व्रत भद्रा में भी किए जा सकते हैं।
भद्रा में हनुमान पूजा के नियम
शुद्धता का ध्यान रखें: पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
लाल चंदन और सिंदूर: हनुमान जी को लाल चंदन, सिंदूर और लाल फूल अर्पित करें।
हनुमान चालीसा का पाठ: भद्रा के दौरान हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
भोग: बेसन के लड्डू या गुड़-चना का भोग लगाएं।
क्यों खास है हनुमान जयंती 2025?

इस वर्ष हनुमान जयंती पर भद्रा का साया होने के बावजूद, यह पर्व और भी महत्वपूर्ण हो गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा में हनुमान जी की उपासना करने से शत्रु पर विजय, रोगों से मुक्ति और तंत्र-मंत्र की बाधाओं से सुरक्षा मिलती है। साथ ही, इस दिन व्रत रखने से बजरंगबली की कृपा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
हनुमान जयंती 2025 पर कैसे करें व्रत?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
हनुमान मंदिर में जाकर लाल रंग के वस्त्र, फल और फूल चढ़ाएं।
दिनभर व्रत रखकर केवल फलाहार करें।
संध्या समय हनुमान आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
FAQ: हनुमान जयंती 2025 से जुड़े सवाल-जवाब

Q1. क्या भद्रा में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं?
जी हां, लेकिन मूर्ति स्थापना ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में करें।
Q2. भद्रा के दौरान क्या दान करना चाहिए?
लाल रंग की वस्तुएं जैसे लाल कपड़ा, गुड़, चना या तिल का दान करें।
Q3. क्या हनुमान जयंती पर मांस-मदिरा का सेवन कर सकते हैं?
नहीं, इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
हनुमान जयंती 2025: अंतिम सुझाव
इस बार हनुमान जयंती पर भद्रा का समय होने के कारण कुछ लोग भ्रमित हैं, लेकिन ज्योतिषीय मत के अनुसार, हनुमान जी की पूजा किसी भी समय की जा सकती है। बस श्रद्धा और विधि-विधान का ध्यान रखें। 12 अप्रैल 2025 को हनुमान जी के चमत्कारी मंत्र “ॐ हनुमते नमः” का जाप करें और अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
हनुमान जयंती 2025 पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

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