भारतीय संस्कृति में हनुमान जी को शक्ति, भक्ति, और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। उनका जन्मोत्सव, जिसे हनुमान जन्मोत्सव 2025 (Hanuman Janmotsav 2025) के नाम से जाना जाता है, देशभर में उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जयंती साल में दो बार क्यों मनाई जाती है? इस ब्लॉग में हम इस रहस्य को सुलझाएंगे और Hanuman Janmotsav 2025 की तिथि, महत्व, पूजा विधि, और पौराणिक कथाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे।
हनुमान जन्मोत्सव 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) दो अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाएगा:
- चैत्र पूर्णिमा: 12 अप्रैल 2025 (तिथि आरंभ: सुबह 03:21 बजे से 13 अप्रैल सुबह 05:51 बजे तक)।
- कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी: अक्टूबर-नवंबर 2025 (सटीक तिथि पंचांग के अनुसार जानें)।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था, जबकि कार्तिक माह में उन्हें माता सीता से “अमरता का वरदान” प्राप्त हुआ था। इसलिए, यह दोनों दिन उनके भक्तों के लिए विशेष हैं।
साल में दो बार हनुमान जयंती मनाने का रहस्य

हनुमान जन्मोत्सव 2025 के संदर्भ में सवाल उठता है: “आखिर एक ही देवता का जन्मदिन दो बार क्यों मनाया जाता है?” इसका उत्तर पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं में छिपा है:
चैत्र पूर्णिमा: जन्म का प्रमुख दिन
मान्यता है कि चैत्र माह की पूर्णिमा को अंजनी पुत्र हनुमान का जन्म हुआ। इस दिन उन्होंने सूर्य को फल समझकर निगलने का प्रयास किया, जिसके बाद इंद्र के वज्र से घायल होने पर पवनदेव ने प्राण वायु रोक दी। बाद में ब्रह्मा जी ने उन्हें अजेयता का वरदान दिया। इसीलिए चैत्र पूर्णिमा को Hanuman Janmotsav का मुख्य दिन माना जाता है।
कार्तिक चतुर्दशी: अमरत्व का वरदान
दूसरी हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है। रामायण के अनुसार, इसी दिन माता सीता ने युद्ध में विजय के बाद हनुमान जी को “अमर रहने” का आशीर्वाद दिया था। इसलिए, यह तिथि उनकी अमरता और विजय का प्रतीक है।
हनुमान जन्मोत्सव 2025 की पूजा विधि और महत्व

Hanuman Janmotsav 2025 के दिन भक्त निम्नलिखित उपाय करते हैं:
- प्रातः स्नान और व्रत: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत रखें।
- लाल चंदन और फूल अर्पित करें: हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है, इसलिए लाल चंदन, गुड़हल के फूल, और केसरिया चुनरी चढ़ाएं।
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ: संकटों को दूर करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
- भोग में गुड़-चना: हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं, फिर प्रसाद वितरित करें।
क्यों है यह पर्व खास?
- इस दिन पूजा करने से कुंडली के सभी दोष दूर होते हैं।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- हनुमान जी की कृपा से शत्रुओं पर विजय मिलती है।
हनुमान जन्मोत्सव 2025 के लिए ट्रेंडिंग सेलेब्रेशन आइडियाज़
- डिजिटल भक्ति: ऑनलाइन हनुमान चालीसा पाठ और वेबिनार आयोजित करें।
- सामाजिक सेवा: गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें—यह हनुमान जी को सबसे प्रिय है।
- घर की सजावट: केसरिया झंडे और हनुमान मंदिर को फूलों से सजाएं।
पौराणिक कथा: हनुमान जी का सूर्य को निगलने का प्रयास

एक बार बाल हनुमान को भूख लगी, तो उन्होंने आकाश में चमकते सूर्य को “लाल फल” समझकर पकड़ने का प्रयास किया। इससे घबराकर इंद्रदेव ने उन पर वज्र से प्रहार किया, जिससे वे मूर्छित हो गए। क्रोधित पवनदेव ने प्राण वायु रोक दी, जिसके बाद ब्रह्मा जी ने हनुमान को अजेय शक्तियाँ प्रदान कीं। यही कारण है कि Hanuman Janmotsav पर उनकी बाल लीला को याद किया जाता है।
निष्कर्ष: हनुमान जन्मोत्सव 2025 की तैयारी कैसे करें?
हनुमान जन्मोत्सव 2025 (Hanuman Janmotsav 2025) के लिए अभी से तैयारी शुरू करें:
- नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- मंदिरों में भंडारे और लंगर का आयोजन करें।
- सोशल मीडिया पर #HanumanJanmotsav2025 से जुड़े संदेश शेयर करें।
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए इस पर्व को पूरी श्रद्धा से मनाएं। जय बजरंगबली!

I’m Gaurav Tripathi, and through this blog, I share devotional content dedicated to Lord Hanuman. Here you’ll find powerful mantras, the Hanuman Chalisa, soulful bhajans, and fascinating facts about famous Hanuman temples across India. My mission is to spread the divine glory of Shri Hanuman Ji in a simple and heartfelt way for all devotees.