प्रयागराज (इलाहाबाद) की गंगा-यमुना के संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज कॉरिडोर अब न केवल आस्था बल्कि विकास की एक मिसाल बन चुका है। महाकुंभ मेले के दौरान इस मंदिर ने करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, और अब फेज-2 के तहत मंदिर के गर्भगृह, शिखर और मंडप का भव्य निर्माण कार्य होली के बाद शुरू होने जा रहा है। यहाँ जानें इस ऐतिहासिक परियोजना की पूरी जानकारी!
बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर: फेज-1 की उपलब्धियाँ और फेज-2 की तैयारी
1. फेज-1: महाकुंभ से पहले पूरा हुआ पहला चरण

महाकुंभ मेले के पहले बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर के फेज-1 का निर्माण पूरा कर लिया गया था। इस चरण में:
- बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज के चारों ओर ऊँची चहारदीवारी और भव्य प्रवेश द्वार बनाए गए।
- दीवारों पर हनुमान जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं की आकर्षक चित्रकारी की गई।
- 40 करोड़ रुपये की लागत से बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज परिसर को सुरक्षित और सौंदर्यपूर्ण बनाया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को इस कॉरिडोर का लोकार्पण किया, जिसके बाद से यह स्थान पर्यटकों और भक्तों के आकर्षण का केंद्र बन गया।
2. फेज-2: गर्भगृह, शिखर और मंडप का कायाकल्प

फेज-2 के तहत बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज मंदिर के गर्भगृह (मुख्य मंदिर), शिखर और विशाल मंडप का निर्माण किया जाएगा। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा के अनुसार:
- निर्माण कार्य होली के बाद शुरू होगा और 2-3 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
- रेड सैंड स्टोन से शिखर और मंडप की नक्काशी की जाएगी, जिसके लिए राजस्थान के कारीगरों को बुलाया जाएगा।
- गर्भगृह के प्रवेश मार्ग को चौड़ा किया जाएगा ताकि भीड़ के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधा हो।
3. आधुनिक सुविधाओं का समावेश
फेज-2 में बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज परिसर को और अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए नई सुविधाएँ जोड़ी जाएँगी:
- प्रसाद किचन: आधुनिक सुविधाओं से युक्त किचन जहाँ स्वच्छ प्रसाद तैयार किया जाएगा।
- ध्यान केंद्र (मेडिटेशन सेंटर): श्रद्धालु यहाँ शांत मन से हनुमान चालीसा का पाठ कर सकेंगे।
- क्लॉक रूम और शौचालय: परिसर के बाहर श्रद्धालुओं के लिए लॉकर और स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था।
- आरओ वाटर: पीने के शुद्ध पानी की सुविधा।
काशी विश्वनाथ और अयोध्या की तर्ज पर विकसित हो रहा है प्रयागराज कॉरिडोर

वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अयोध्या के राम मंदिर की तरह ही प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर को एक भव्य धार्मिक परिसर में तब्दील किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है:
- तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करना।
- मंदिर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना।
- प्रयागराज को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करना।
महाकुंभ में दर्शनार्थियों का सैलाब और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
1. महाकुंभ के दौरान रिकॉर्ड दर्शन

महाकुंभ मेले के दौरान इस बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज मंदिर में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं ने हनुमान जी के दर्शन किए। मंदिर के पुजारी सूरज पाण्डेय के अनुसार:
- सामान्य दिनों में 5,000 से 10,000 श्रद्धालु दर्शन करते हैं।
- मंगलवार और शनिवार को यह संख्या दोगुनी हो जाती है।
2. राष्ट्रपति से लेकर पीएम तक ने किया दर्शन
महाकुंभ के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई गणमान्य हस्तियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। इससे मंदिर के राष्ट्रीय महत्व को नया आयाम मिला।
कॉरिडोर की वास्तुकला: द्वार, नक्काशी और डिजाइन

1. वास्तु-सम्मत भव्य द्वार
कॉरिडोर में प्रवेश और निकास के लिए दो विशाल द्वार बनाए गए हैं, जो वास्तु शास्त्र के अनुसार डिज़ाइन किए गए हैं। आगे 10 छोटे द्वारों का निर्माण भी प्रस्तावित है।
2. दीवारों पर हनुमान जी की गाथा
कॉरिडोर की दीवारों पर हनुमान जी के जीवन प्रसंगों को चित्रों और मूर्तियों के माध्यम से उकेरा गया है। इनमें लंका दहन, सीता माता को अंगूठी देना और संजीवनी बूटी लाने जैसे दृश्य शामिल हैं।
3. ड्रोन और फोटोग्राफी का आकर्षण
मंदिर की भव्यता देखते हुए पर्यटक यहाँ ड्रोन कैमरा से एरियल व्यू और सेल्फी लेने के लिए उत्सुक रहते हैं। इससे मंदिर का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी हो रहा है।
क्यों जाएँ बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज कॉरिडोर?

- ऐतिहासिक और आधुनिक का समन्वय: पारंपरिक वास्तुकला के साथ आधुनिक सुविधाएँ।
- आध्यात्मिक अनुभव: संगम तट की पवित्रता और हनुमान जी की अनुकंपा।
- पर्यटन की नई संभावनाएँ: कॉरिडोर के पूरा होने के बाद यह स्थान और भी आकर्षक होगा।
दर्शन की जानकारी और यात्रा टिप्स
- समय: सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक।
- विशेष दिन: मंगलवार और शनिवार को विशेष आरती।
- कैसे पहुँचें: प्रयागराज जंक्शन से 5 किमी, बमरौली एयरपोर्ट से 12 किमी।
निष्कर्ष: प्रयागराज की धार्मिक पहचान को मिल रहा है नया विस्तार
बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज कॉरिडोर न केवल भक्तों के लिए बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक गौरवशाली परियोजना है। फेज-2 के पूरा होने के बाद यह मंदिर और भी भव्य होगा, जहाँ आस्था और वास्तुकला का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। होली के बाद शुरू होने वाले निर्माण कार्य से पहले ही इसके दर्शन करें, या फिर नए स्वरूप का इंतज़ार करें – हनुमान जी की कृपा आप पर बनी रहे!
जय बजरंगबली!
Bade Hanuman Ji Mandir Prayagraj Photo









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