हनुमान जी के प्रिय भोग: क्या चढ़ाएं और क्यों? पौराणिक महत्व और कथाएं

हनुमान जी के प्रिय भोग

हनुमान जी भक्ति, शक्ति, और निष्ठा के प्रतीक हैं। उनकी पूजा-अर्चना में भक्त उन्हें विभिन्न भोग चढ़ाकर उनकी कृपा पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को कौन-से भोग सबसे ज्यादा प्रिय हैं? इन भोगों का क्या महत्व है, और पौराणिक कथाओं में इनका कैसे उल्लेख मिलता है? इस ब्लॉग में हम आपको हनुमान जी के प्रिय भोग, उनके पीछे छिपे रहस्य, और उनसे जुड़ी पवित्र कहानियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

हनुमान जी के प्रिय भोग: प्रमुख वस्तुएं और उनका महत्व

हनुमान जी की पूजा में कुछ विशेष भोगों का महत्व सदियों से चला आ रहा है। ये भोग न केवल उनकी प्रिय वस्तुएं हैं, बल्कि इनके पीछे आध्यात्मिक और पौराणिक कारण भी छिपे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में,

हनुमान जी के प्रिय भोग Sindoor
हनुमान जी के प्रिय भोग: क्या चढ़ाएं और क्यों?

1. सिंदूर (सिन्दूर)

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा सबसे प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि माता सीता ने हनुमान जी के मस्तक पर सिंदूर लगाया था, जिसके बाद से यह उनकी शक्ति और भक्ति का प्रतीक बन गया।

  • महत्व: सिंदूर चढ़ाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को साहस, स्वास्थ्य, और संकटों से मुक्ति मिलती है।

  • पौराणिक कथा: रामायण में वर्णित है कि हनुमान जी ने लंका दहन के समय अपने शरीर पर सिंदूर लगाया था, जिससे उनकी शक्ति और तेज बढ़ गया।

2. बेसन के लड्डू

हनुमान जी को बेसन के लड्डू अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता है कि यह उनका मुख्य प्रसाद है।

  • महत्व: बेसन के लड्डू चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

  • कथा: कहते हैं कि जब हनुमान जी समुद्र पार कर रहे थे, तो उन्होंने बेसन के लड्डू खाकर अपनी शक्ति बढ़ाई थी।

हनुमान जी के प्रिय भोग- Gud And Chana
हनुमान जी के प्रिय भोग: क्या चढ़ाएं और क्यों?

3. गुड़ और चना

हनुमान जी को गुड़ और चना का भोग भी लगाया जाता है। यह साधारण लगने वाला प्रसाद उनकी विनम्रता और सादगी को दर्शाता है।

  • महत्व: गुड़-चना चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।

  • कथा: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी ने बाल रूप में सूर्य देव से ज्ञान प्राप्त करते समय गुड़-चना खाया था।

हनुमान जी के प्रिय भोग Phool
हनुमान जी के प्रिय भोग: क्या चढ़ाएं और क्यों?

4. लाल फूल और रोली

लाल रंग हनुमान जी को अति प्रिय है। इसलिए उन्हें लाल फूल, रोली, और लाल चुनरी अर्पित की जाती है।

  • महत्व: लाल रंग शक्ति और विजय का प्रतीक है। यह भोग चढ़ाने से शत्रुओं पर विजय मिलती है।

  • कथा: कहते हैं कि हनुमान जी ने लंका युद्ध के दौरान लाल वस्त्र धारण किए थे, जो उनकी अजेयता का प्रतीक बना।

हनुमान जी के प्रिय भोग: क्या चढ़ाएं और क्यों?

5. पान के पत्ते और सुपारी

हनुमान जी को पान-सुपारी चढ़ाने की परंपरा भी प्रचलित है। यह भोग उनकी तांत्रिक शक्तियों से जुड़ा माना जाता है।

  • महत्व: पान चढ़ाने से बाधाएं दूर होती हैं और मनोवैज्ञानिक शक्ति बढ़ती है।

  • कथा: कुछ मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी ने पान के पत्ते चबाकर ही समुद्र पार करने का संकल्प लिया था।

हनुमान जी को भोग चढ़ाने के नियम और विधि

हनुमान जी की पूजा में भोग चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:

  1. मंगलवार और शनिवार: इन दिनों हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।

  2. सुबह का समय: भोग सुबह के समय चढ़ाएं और संध्या में प्रसाद ग्रहण करें।

  3. लाल वस्त्र: पूजा में लाल चुनरी, फूल, या रोली का उपयोग जरूर करें।

  4. हनुमान चालीसा का पाठ: भोग चढ़ाने के बाद हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।

पौराणिक कथाएं: हनुमान जी और उनके प्रिय भोग

हनुमान जी के प्रिय भोग
हनुमान जी के प्रिय भोग: क्या चढ़ाएं और क्यों?

कथा 1: सिंदूर चढ़ाने की शुरुआत

एक बार हनुमान जी ने माता सीता को सिंदूर लगाते देखा और पूछा, “माता, यह सिंदूर क्यों लगाती हैं?” माता सीता ने उत्तर दिया, “यह प्रभु श्रीराम के प्रति मेरी निष्ठा का प्रतीक है।” हनुमान जी ने सोचा कि यदि थोड़ा सा सिंदूर श्रीराम की प्रसन्नता के लिए काफी है, तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से वे और प्रसन्न होंगे। यह सोचकर उन्होंने अपने पूरे बदन पर सिंदूर लगा लिया। इससे प्रसन्न होकर श्रीराम ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया।

कथा 2: बेसन के लड्डू का रहस्य

एक बार हनुमान जी को भूख लगी, तो उन्होंने एक गरीब बुजुर्ग महिला के घर से बेसन के लड्डू चुरा लिए। महिला ने जब हनुमान जी को पकड़ा, तो वे शरमा गए और उससे क्षमा मांगी। महिला ने कहा, “प्रभु, आप मेरे लड्डू खाएं, लेकिन भक्तों को सदैव सही रास्ता दिखाएं।” तब से हनुमान जी ने बेसन के लड्डू को अपना प्रिय भोग बना लिया।

हनुमान जी के भोग से जुड़े FAQs

1. क्या शाम को भोग चढ़ा सकते हैं?

हां, लेकिन सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है।

2. क्या महिलाएं हनुमान जी को सिंदूर चढ़ा सकती हैं?

हां, कोई प्रतिबंध नहीं है। हनुमान जी सभी भक्तों पर समान कृपा करते हैं।

निष्कर्ष: भक्ति और विश्वास है सबसे बड़ा भोग

हनुमान जी को भोग चढ़ाने का असली उद्देश्य उनकी भक्ति और समर्पण है। चाहे सिंदूर हो या बेसन के लड्डू, हर भोग के पीछे एक पवित्र इतिहास और संदेश छिपा है। इन नियमों और कथाओं को ध्यान में रखकर आप भी हनुमान जी की कृपा पा सकते हैं। “हनुमान जी के प्रिय भोग” चढ़ाएं, और देखें कैसे आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं!

🚩 जय बजरंगबली! 🚩