अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि, भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यहाँ स्थित कनक भवन एक ऐसा मंदिर है जो भगवान राम और माता सीता के प्रेम और वैभव का प्रतीक है। इस मंदिर को “स्वर्ण भवन” भी कहा जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसे सोने से बनाया गया था। आइए, इस पवित्र स्थान के इतिहास, महत्व, और यात्रा से जुड़ी सभी जानकारियाँ विस्तार से जानते हैं।
कनक भवन का इतिहास और महत्व

कनक भवन का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह भवन माता सीता को उनकी सास महारानी कैकेयी ने विवाह के उपहार के रूप में दिया था। कहा जाता है कि मूल कनक भवन सोने का बना हुआ था, लेकिन समय के साथ यह नष्ट हो गया।
वर्तमान मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में ओरछा की रानी वृषभानु कुँवरि ने करवाया था। ऐसा माना जाता है कि रानी को स्वप्न में भगवान राम ने दर्शन दिए और उन्हें अयोध्या में उनके लिए एक भवन बनाने का आदेश दिया। इसके बाद रानी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया, जो आज भक्तों की आस्था का केंद्र है।
महत्व:
- यह मंदिर राम और सीता के गृहस्थ जीवन का प्रतीक है।
- यहाँ के मुख्य देवता “राम-सीता” हैं, जिन्हें सोने के आभूषणों और वस्त्रों से सजाया जाता है।
- मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति मिलती है।
कनक भवन की वास्तुकला

यह मंदिर राजस्थानी और मुगल शैली की वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। मुख्य मंदिर के शिखर पर सोने का कलश स्थापित है, जो दूर से ही चमकता दिखाई देता है। मंदिर के अंदरुनी भाग में राम-सीता की सुंदर मूर्तियाँ विराजमान हैं, जिनके सिर पर सोने के मुकुट हैं।
विशेषताएँ:
- मंदिर के तीन गुंबद हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव को समर्पित हैं।
- दीवारों पर रामायण के दृश्यों को चित्रित किया गया है।
- मंदिर परिसर में एक विशाल चबूतरा है, जहाँ भक्त ध्यान लगाते हैं।
कनक भवन का स्थान और कैसे पहुँचें?

स्थान: कनक भवन, अयोध्या शहर के मध्य में स्थित है। यह राम जन्मभूमि से लगभग 1 किमी की दूरी पर है।
पता:
कनक भवन मंदिर,
अयोध्या, उत्तर प्रदेश-224123
यात्रा के विकल्प:
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा अयोध्या एयरपोर्ट (30 किमी) या लखनऊ एयरपोर्ट (140 किमी) है। वहाँ से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
- रेल मार्ग: अयोध्या जंक्शन मंदिर से 3 किमी दूर है। ऑटो-रिक्शा से 10-15 मिनट में पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: अयोध्या उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों (लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज) से बसों और टैक्सियों द्वारा जुड़ा है।
कनक भवन पूजा समय और विशेष अनुष्ठान

कनक भवन में दर्शन का समय सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक रहता है। विशेष पूजाएँ इस प्रकार हैं:
- मंगला आरती: सुबह 5:30 बजे (भगवान को जगाने की रस्म)।
- श्रृंगार आरती: सुबह 7:00 बजे (देवताओं को सजाने की विधि)।
- भोग आरती: दोपहर 12:00 बजे (भोग लगाने का समय)।
- संध्या आरती: शाम 7:00 बजे (दीपक जलाकर आरती)।
विशेष दिन:
- राम नवमी (अप्रैल): भव्य शोभायात्रा और भंडारे का आयोजन।
- दीपावली: मंदिर को दीयों और फूलों से सजाया जाता है।
कनक भवन आस-पास के दर्शनीय स्थल

- राम जन्मभूमि: भगवान राम का जन्मस्थान, जहाँ भव्य राम मंदिर बन रहा है।
- हनुमान गढ़ी: बजरंगबली का प्रसिद्ध मंदिर, जो एक पहाड़ी पर स्थित है।
- सरयू नदी: यहाँ स्नान करने से पापों का नाश माना जाता है।
- नागेश्वरनाथ मंदिर: भगवान शिव का प्राचीन मंदिर।
कनक भवन यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
- कपड़े: सादे और सुविन्यस्त वस्त्र पहनें। मंदिर में प्रवेश से पहले जूते उतार दें।
- फोटोग्राफी: मंदिर के अंदर फोटो लेना मना है।
- भीड़: त्योहारों के समय भीड़ अधिक होती है, इसलिए सुबह जल्दी दर्शन करें।
- सुरक्षा: अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है, लेकिन अपना सामान संभालकर रखें।
कनक भवन न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय संस्कृति और प्रेम की अमर कहानी का प्रतीक है। यहाँ आकर भक्तों को मन की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। अयोध्या की यात्रा तब तक अधूरी है, जब तक आप इस स्वर्णिम मंदिर के दर्शन नहीं करते।

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