हिंदू धर्म में हनुमान जयंती 2025 का पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में प्रसिद्ध है। वर्ष 2025 में हनुमान जयंती का विशेष संयोग चैत्र माह की पूर्णिमा के साथ बन रहा है। यह दिन न केवल हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा है, बल्कि इसे चैत्र पूर्णिमा या चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा होती है, क्या है इसका धार्मिक महत्व, और कैसे आप इस पर्व को शुभ तरीके से मना सकते हैं।
हनुमान जयंती 2025 और चैत्र पूर्णिमा का संगम: क्या है कारण?

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हिंदू नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है। इसी दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण चमक के साथ प्रकट होता है, जिसे 16 कलाओं वाला चंद्र कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है, जिससे इसकी रोशनी अमृत के समान शुभ फल देने वाली होती है।
इसी पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इसलिए, 2025 में 12 अप्रैल से 13 अप्रैल तक चलने वाली यह पूर्णिमा दोहरे उत्साह का अवसर बनेगी। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है।
हनुमान जयंती 2025: तारीख और शुभ मुहूर्त
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल 2025, सुबह 03:21 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल 2025, सुबह 05:51 बजे
- पूजा का शुभ समय: सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
इस अवधि में पूजा, व्रत और दान करने से अधिकतम लाभ प्राप्त होता है।
हनुमान जयंती का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

- विष्णु भगवान और चंद्र देव की कृपा:
चैत्र पूर्णिमा को भगवान विष्णु के “मत्स्य अवतार” का दिन भी माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, चंद्र देव को दूध अर्पित करने से मन की चंचलता शांत होती है। - हनुमान जी का जन्मोत्सव:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन हुआ था। वे भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार माने जाते हैं। इस दिन उनकी आराधना करने से भक्तों को बल, बुद्धि और साहस की प्राप्ति होती है। - कल्याणकारी चंद्र प्रभाव: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन चंद्रमा की किरणें शरीर और मन को स्वस्थ बनाने वाली होती हैं। पूर्णिमा के जल में स्नान करने से पापों का नाश होता है।
हनुमान जयंती 2025 पूजा विधि

- सुबह जल्दी उठकर स्नान:
पूजा से पहले गंगाजल या सामान्य जल में तुलसी डालकर स्नान करें। इससे शुद्धता बनी रहती है। - घर की सफाई और वेदी सज्जा:
पूजा स्थल को फूल, रंगोली और दीपक से सजाएं। हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। - भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा:
- विष्णु जी को पीले फूल, चंदन, तुलसी पत्र, और खीर का भोग लगाएं।
- हनुमान जी को सिंदूर, लाल फूल, गुड़-चना और पान अर्पित करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ:
संभव हो तो हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। - चंद्र देव को अर्घ्य:
रात्रि में चंद्रमा को कच्चा दूध, चावल और फूल अर्पित करें। - व्रत और दान:
दिनभर व्रत रखकर गरीबों को भोजन, वस्त्र या दक्षिणा दान दें।
हनुमान जयंती का संदेश: जीवन में अपनाएं ये सीख

भगवान हनुमान निस्वार्थ भक्ति, साहस और विनम्रता के प्रतीक हैं। उनके जीवन से हमें ये शिक्षाएं मिलती हैं:
- सेवा और समर्पण: रामायण में हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम की सेवा को ही अपना धर्म माना। हमें भी परिवार और समाज के प्रति ईमानदार रहना चाहिए।
- बुद्धि और बल का सदुपयोग: हनुमान जी ने बुद्धि से लंका दहन किया और बल से संजीवनी बूटी लाए। यह सिखाता है कि शक्ति का उपयोग सही दिशा में करें।
- अहंकार से मुक्ति: हनुमान जी ने कभी अपने पराक्रम का अहंकार नहीं किया। उनकी विनम्रता हमें सिखाती है कि गर्व करने योग्य कार्य करें, पर घमंड न करें।
क्यों महत्वपूर्ण है हनुमान जयंती 2025?

2025 में हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा का संयोग एक दुर्लभ अवसर है। इस दिन पूजा करने से भक्तों को तीन देवताओं (विष्णु, चंद्र और हनुमान) की कृपा एक साथ प्राप्त होगी। विशेषकर, जो लोग मानसिक अशांति, डर या स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन हनुमान जी के मंत्र “ॐ हं हनुमते नमः” का जाप अवश्य करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या हनुमान जयंती के दिन मांसाहार या शराब का सेवन कर सकते हैं?
नहीं। इस दिन सात्विक भोजन करें और बुरी आदतों से दूर रहें।
Q2. क्या महिलाएं हनुमान जयंती का व्रत रख सकती हैं?
हां, कोई प्रतिबंध नहीं है। हनुमान जी सभी भक्तों पर समान रूप से कृपा करते हैं।
Q3. हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है?
मान्यता है कि माता सीता ने हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया था, जिससे उनकी दीर्घायु और शक्ति बढ़ी।
निष्कर्ष: अपनाएं हनुमान जी के गुण, पाएं जीवन में सफलता
हनुमान जयंती 2025 का यह पावन अवसर हमें अपने जीवन में निस्वार्थता, सेवा और साहस को अपनाने की प्रेरणा देता है। इस दिन पूजा-अर्चना करके न केवल आप दैवीय कृपा प्राप्त करेंगे, बल्कि आंतरिक शक्ति भी पाएंगे। हनुमान जयंती के इस शुभ अवसर पर अपने परिवार और मित्रों के साथ इस लेख को साझा करें, ताकि सभी को इस पर्व का लाभ मिल सके।
जय श्री राम! जय बजरंगबली!

I’m Gaurav Tripathi, and through this blog, I share devotional content dedicated to Lord Hanuman. Here you’ll find powerful mantras, the Hanuman Chalisa, soulful bhajans, and fascinating facts about famous Hanuman temples across India. My mission is to spread the divine glory of Shri Hanuman Ji in a simple and heartfelt way for all devotees.